अपनों के बीच में रहते हुये शायद ही कभी इस बात का एहसास होता हो कि हमें सबसे ज्यादा खुशी कब मिलती है….???? पर कभी-कभी जीवन में कुछ पल ऐसे होते हैं जो हमें इतनी खुशियां देते हैं कि हम इन पलों को कभी भूल नहीं पाते.......ऐसे ही पलों का हमें अपने जीवन में सबसे ज्यादा इंतजार रहता है......और हो भी क्यों न......एक मुकाम पर पहुंचने के बाद इंसान ऐसे ही कुछ हसीन पलों को याद करता है...!ये कुछ पल हमें कभी भी मिल सकते हैं......तो क्यों न इन खुशी के पलों को समेट के रखा जाये......और एक खुशहाल जिंदगी व्यतीत की जाये.....!
पर अपने लिये खुशियां बटोरने के चक्कर में कहीं दूसरों की भावनायें आहत न हो……इस बात का खयाल रखना भी जरुरी है.....! आज इंसान केवल अपने तक ही सीमित हो गया है....दूसरों के बारे में सोचने के लिये न आपके पास वक्त है और न ही मेरे पास......क्यों.....शायद इसलिये कि अपनी तरक्की ही हमें खुशी देती है......पर जरा सोचिये अगर हमारे कुछ प्रयासों से किसी दूसरे के जीवन में भी खुशी के कुछ पल आ जायें तो कितना अच्छा रहेगा.....! और ऐसा हो सकता है.......बस जरूरत है अपने खुशी के कुछ पल दूसरों के साथ भी बांटे जायें......!
तो फ़िर क्यों न इसकी शुरुआत की जाये.......लेकिन कैसे....???? हमें कुछ समय निकालना होगा......दूसरों को समझने के लिये......उनके बारे में सोचने के लिये......और अपने प्रयासों से दूसरों का जीवन भी खुशहाल बनाने के लिये.....!
फ़िर देखिये कि दूसरों की खुशियों के साथ आपकी और हमारी खुशियां कैसे और भी हसीन हो जायेंगी....!!!
8 comments:
imprssive but something better may happen.
nice
sahi kaha aapne.......bahut badhiya apka swagat hai......
sahi kaha aapne.......bahut badhiya apka swagat hai......
bahut khub
shkhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
सही कहा!
हंस कर जी कर सुमन बन, सपने कर आबाद |
इस सुमन का मोल क्या , मुरझाने के बाद ||
खुश लोगो के बीच रहकर ही खुशी बढ जायेगी
आप सभी को कोटिशः धन्यवाद.....!!!!
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