Saturday, March 13, 2010

अपनी भी एक पहचान होती......!

 "हम करते रहे तमाम कोशिशें,,,,
  काश कि अपनी भी एक पहचान होती....!


        कोई हमारे लिये भी जरा सा सोंचे,,,,
        काश कि अपनी ऐसी औकात होती....!













मिले हमें बेपनाह मोहब्बत,,,,
हमारे लिये भी ये सौगात होती....!


        डूबे ये दुनिया हमारे खयालों में,,,,
        अपने लिये भी कुछ बड़ी बात होती....!

सपनों के परिवेश में खोते हुये फ़िर,,,,
संग एक किसी के मुलाकात होती....!


















  मेहनत के रंग में रंग जाये जमाना,,,,
   ऐसे मौसम में फ़िर बरसात होती....!


                      उल्लास के पलों में सिमटे ये जीवन,,,,
                      और सारी कायनात मेरे साथ होती.....!"

1 comments:

Avinash Awasthi said...

Hey Durgesh,Very nice poem by U,I heartly like this,I hope some great poem by U in future also,Best Of Luck.

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